ऐन फ्रैंक या ऐनी फ्रैंक की लिखी डायरी विश्व साहित्य में अपने अनुपम लेखन और विवरण के लिए विख्यात है। इसमें एक यहूदी किशोरी के नित्यप्रति के विचार,क्रियाकलाप,आसपास के परिवेश और किशोरावस्थासुलभ उत्तेजना तथा भोलेपन, कच्चेपन का अद्भुत वर्णन है। विश्व की लगभग हर भाषा में यह डायरी उपलब्ध है। NCERT की हिंदी बारहवीं कक्षा की पूरक पुस्तक वितान में इसका अंश दिया गया है,लगभग बीस बाइस पृष्ठों में।
इस डायरी में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर के द्वारा लाखों यहूदी स्त्री,पुरुष,बुजुर्ग,बच्चों को विस्थापन ,भुखमरी,अत्याचार,एकांत यातना शिविरों की यंत्रणा में रखा गया, साठ लाख यहूदियों को गैस चैंबर्स में मारा गया। हॉलोकॉस्ट नाम से कुख्यात समय की एक जीवंत गवाही है यह डायरी।
एक शिविर में ऐन फ्रैंक भी मारी गईं।हिटलर की पराजय के बाद ऐन फ्रैंक की डायरी बरामद हुई । यह दस्तावेज सबकी आंखों को नम कर देता है।
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